होने लगी है अब सहर देखिए
कहां तक होता है असर देखिए
पांवो के छाले क्यूं देखते हैं आप
जानिबे-मंज़िल मेरा सफ़र देखिए
जाने कितने अपनी जां से गए
दोशीजा शबाब का कहर देखिए
भीड़ ही भीड़ नज़र आती है हर सूं
तन्हा-तन्हा सा हर बशर देखिए
नूरे-खुदा नज़र आएगा तुम्हें
बच्चों की मासूम नज़र देखिए
किसकी नज़र लगी है इसे
सुलगता मेरा शहर देखिए
दैरो-हरम में महदूद रहेगा?
वो है नुमांया जिधर देखिए
-हेमन्त रिछारिया
अर्ज़ किया है-
"छत पे आजा कि तेरी दीद हो जाए
हम दीवानों की भी ईद हो जाए"
-हेमन्त रिछारिया
९-८-२०१३ (ईद के दिन)
कहां तक होता है असर देखिए
पांवो के छाले क्यूं देखते हैं आप
जानिबे-मंज़िल मेरा सफ़र देखिए
जाने कितने अपनी जां से गए
दोशीजा शबाब का कहर देखिए
भीड़ ही भीड़ नज़र आती है हर सूं
तन्हा-तन्हा सा हर बशर देखिए
नूरे-खुदा नज़र आएगा तुम्हें
बच्चों की मासूम नज़र देखिए
किसकी नज़र लगी है इसे
सुलगता मेरा शहर देखिए
दैरो-हरम में महदूद रहेगा?
वो है नुमांया जिधर देखिए
-हेमन्त रिछारिया
अर्ज़ किया है-
"छत पे आजा कि तेरी दीद हो जाए
हम दीवानों की भी ईद हो जाए"
-हेमन्त रिछारिया
९-८-२०१३ (ईद के दिन)