करते हैं गम ज़ाहिर सर इल्ज़ाम नहीं लेते
बडा अजीब है इस बाज़ार का आलम
दर्द बेचते लोग कोई दाम नहीं लेते
दर्द बेचते लोग कोई दाम नहीं लेते
कैसा प्यार मुझसे कैसी ये वफाएँ हैं
जाने के बाद मेरे मेरा नाम नहीं लेते
जाने के बाद मेरे मेरा नाम नहीं लेते
हमने तो सजदे किए कदम-दर-कदम
वो अपनी नज़रों का सलाम नहीं देते
वो अपनी नज़रों का सलाम नहीं देते