तिश्नगी
Ghazals by Hemant Richhariya
Friday 16 May, 2008
मेरी तकदीर मुझे
मेरी तकदीर मुझे धोखा दे गई होगी
तू अपनी दुआओ पे शक ना कर
जब उमडी है बरस के ही दम लेगी
तू इन काली घटाओ पे शक ना कर
दमन ज़रा थाम मज़बूती से ए सनम
तू इन मगरूर फिज़ाओ पे शक ना कर
हालात बेवफाई कर रहे हो मुझसे
तू अपनी वफाओ पे शक ना कर
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