वादे पे हमने आपके किया था एतबार
हर दर-ओ-दरीचे पे किया था इंतज़ार
हर सूं खिज़ां को देख मुझे तो ये लगा
दामन जैसे आपके लिपटी हो ये बहार
दस्ते-सबा ने जब उलट दिया नकाब
लोगों ने दुआ मांगी हो खैर परवरदिगार
मैं उनकी गली से दिल थामे गुज़रता हूं
खुदा जाने हो जाए किस कदम दीदार
वो अपनी ज़ुल्फों को नहीं छोडते खुला
बयानाते-वाइज़ों में बे-खुशबू है बयार
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