नादानी थी जो तुझसे प्यार कर लिया
वादे पे तेरे हमने एतबार कर लिया
कहता था शेख तू ना आएगा इधर
फिर भी दर पे जा इंतज़ार कर लिया
ये मुहज़्ज़ब अदाएं;लबों के सादा बोल
इन पर दिल अपना निसार कर लिया
तूने बेदखल किया हर चीज़ से मुझे
यादों पे तेरी इख़्तियार कर लिया
वादे पे तेरे हमने एतबार कर लिया
कहता था शेख तू ना आएगा इधर
फिर भी दर पे जा इंतज़ार कर लिया
ये मुहज़्ज़ब अदाएं;लबों के सादा बोल
इन पर दिल अपना निसार कर लिया
तूने बेदखल किया हर चीज़ से मुझे
यादों पे तेरी इख़्तियार कर लिया
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